जल्दी उठने पर, वह आत्म-आनंद में लिप्त हो जाती है, अपनी उंगलियों से अपने मलाईदार सफेद खजाने की खोज करती है, जो स्वच्छता से रहित होती है। यह अंतरंग कृत्य उसके गैराज की ठंडी सीमाओं में होता है, जिससे उसकी सुबह की दिनचर्या में एक अतिरिक्त रोमांच जुड़ जाता है।.
एक हार्दिक नाश्ते के बाद, लड़की ने अपनी मलाईदार चूत को धोने का फैसला किया। वह गैराज में गई, जहां उसका एक पुराना बाथटब था, जिसका वह शायद ही कभी उपयोग करती थी। लड़की टब में बैठ गई और अपनी चूत को साबुन से धोया। लेकिन तभी उसके ऊपर एक अजीब सी इच्छा आ गई। वह अपनी उंगलियों से अपनी चूत को महसूस करना चाहती थी। उसकी गीली सिलवटों के ऊपर अपनी उंगलियां फिराईं, एक मजबूत उत्तेजना का अनुभव करते हुए वह अपने भगशेफ को रगड़ने लगी। उसकी सांसें तेज हो गईं और उसका शरीर आनंद से कांप गया। यह भावना उसके लिए नई और रोमांचक नहीं थी, इसलिए वह खुद को छूना जारी रखा, अपनी उंगलियाँ तेज़ और तेज़ चलती रही। वह आनंद की दुनिया में खो गई थी, उसका शरीर प्रत्येक स्पर्श से ऐंठ रहा था। जब वह समाप्त हुई, तो वह पूरी तरह से थक गई लेकिन संतुष्ट हो गई। उसने फैसला किया कि वह अधिक बार गैराज पर आएगी और आनंद लेने के लिए।.